भारतीय राष्ट्रिय ध्वज तिरंगा पर निबंध (Essay on Indian National Flag In Hindi)

Essay on national indian flag

नमस्ते दोस्तों आज हम आज हम भारतीय राष्ट्रिय ध्वज तिरंगा पर निबंध (Essay on Indian National Flag In Hindi) लिखेंगे। भारतीय राष्ट्रिय ध्वज तिरंगा पर निबंध का उपयोग बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।


Essay on Indian National Flag In Hindi


प्रस्तावना


प्रत्येक देश का अपना एक झंडा होता है जो देश की आन-बानऔर शान होता है। दुनिया के सभी झंडे अलग अलग होते है मगर सभी अखंड एकता, शांति और देशभक्ति का प्रतिक होते है।

भारत का झंडा तिरंगा है। इसमें तीन रंग होते है। प्रत्येक रंग काअपना महत्त्व और सन्देश होता है। भारत देश का झंडा एकता, संस्कृति, आजादी और वीर देश भक्तो की पहचान है।

अंग्रेजो की गुलाम के समय भारत का स्वयं का ध्वज तो था मगर उसे पूर्ण रूप से फहराने के लिए आजाद नहीं थे मगर जब भारत देश अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हुआ तब भारतीय ध्वज फहराकर भारत ने स्वयं को पूर्ण रूप से आजाद घोषित किया।

15 अगस्त सन 1947 को हमारा देश आजाद हुआ और तिरंगा फहराया गया। हलाकि आजादी के समय भारतीय तिरंगे में कई तरह के बदलाव किये गये थे मगर 2002 के बाद आज तक कोई बदलाव नहीं हुआ है।

अंगेजो का गुलाम भारत ही नहीं बल्कि कई देश थे और सभी देशो का स्वयं का एक  झंडा होता है जिनका रंग, डिजाईन और चिन्ह अलग-अलग होते है।


राष्ट्रीय ध्वज का महत्त्व


राष्ट्रीय ध्वज भारतीय संस्कृति, सभ्यता और इतिहास के गौरव को दर्शाता है। लहराता हुआ भारतीय झंडा भारत देश को आजादी दिलाने वाले वीर शहीदों की पहचान है ये भारतियों का अभिमान है।

राष्ट्रीय ध्वज केवल एक कपडा नहीं है अपितु ये देश के मान, सम्मान और देश की शान है। भारतीय झंडे में तीन रंग हमारे देश  की अखंडता, एकता और वीरता को दर्शाता है। हम बहुत भाग्यशाली कि हमने भगवान राम जैसे महापुरुषों की भूमि पर जन्म लिया।


भारत का झंडा कैसे बना


गांधीजी ने अपनी पार्टी कांग्रेस के लिए एक झंडा बनाने की इच्छा जाहिर की थी इसके लिए पिंगली वेंकैया बुलाया गया। पिंगली वेंकैया ने 30 देशो के झंडो का अनुसंधान कर भारत के झंडे का डिजाइन तैयार किया।

भारतीय ध्वज में पहले दो रंग हुआ करते थे। लाल रंग जो हिन्दुओ के धर्म को दर्शाता था और दूसरा हरा रंग मुस्लिमों धर्मो के लिए था बाद में इसमें अन्य धर्मो को जोड़ने के लिए सफ़ेद रंग को भी जोड़ दिया गया।

जलंधर के निवासी हंसराज ने गाँधी जी के सामने झंडे के बीच में एक चक्र लगाने विचार प्रस्तुत किया। तब इसमें गाँधी जी के चरखे को चक्र के रूप में लगाया गया मगर कुछ समय के बाद झंडे में कुछ बदलाव करते हुए अशोक चक्र लगाया गया।

डॉ॰ बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने झंडे के बीच अशोक चक्र लगाने का निर्णय लिया और तब तिरंगे के बीच में अशोक चक्र लगाया गया, हलाकि चरखे के चक्र को हटाने से गाँधी जी नाराज हो गये थे। भारत के झंडे में लगा चक्र सारनाथ के सम्राट अशोक के स्तम्भ पर बने चक्र से लिया गया है जिस पर तीन शेर खड़े है।


तिरंगे के कपडा


भारतीय झंडा पूर्ण रूप से देशी खादी कपडे से बना हुआ है क्योंकि गाँधी जी स्वयं चरखा चलाते हे और उनसे बना कपडा पहनते थे और इसी बात को ध्यान में रखते हुए तिरंगे को पूर्ण रूप से देशी कपडे का प्रयोग किया जाता है।


राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान


राष्ट्रीय ध्वज हर देश का गौरव और सम्मान होता है इसलिए हमे अपने देश के साथ अन्य देशो के झंडे को भी उतना ही सम्मान देना चाहिए जितना हम अपने देश के झंडे को देते है।

यदि हम अपने देश के ध्वज का सम्मान करते है और दूसरे देश के झंडे का अपमान करते है तो भी हम सही मायने में सच्चे देश भक्त नहीं है क्योंकि सच्चा देश भक्त वही होता है जो सभी का सम्मान करता है।


विशेष मौको पर ध्वजारोहण


भारत में राष्ट्रीय मौको पर जैसे स्वतंत्रता दिवस पर विद्यालय, कॉलेज, और सरकारी दफ्तरों में ध्वजारोहण किया जाता है।  ध्वजा रोहण के बाद राष्ट्रीयगीत राष्ट्रगान गाते है। इसके पश्चात विभिन्न प्रकार के संस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं होती है। भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमे एकता और वीर शहीदों के बलिदान से मिली स्वतंत्रता का सन्देश देता है।


तिरंगे के तीन रंगों का महत्त्व


दुनिया के सभी देशो के झंडो में  अलग-अलग रंग और चिन्ह होता है जो देश की संस्कृति और इतिहास को बताता है और प्रत्येक ध्वज एक सन्देश देता है।

भारतीय तिरंगे के तीन रंगों में सबसे ऊपर केसरिया होता है, बीच में सफेद और नीचे हरा रंग रहता है। इन तीनों रंगों का अपना विशेष महत्व है। केसरिया को साहस, देश भक्ति  और बलिदान का प्रतीक है,

सफेद रंग यह ध्वज के मध्य में होता है जो शांति, धर्मनिरपेक्ष, पवित्रता, एकता  और सच्चाई का प्रतीक मन जाता है।  हरा रंग ये ध्वज के सफ़ेद रंग निचे होता है। ये संपन्नता और हरियाली का प्रतिक है।

अशोक चक्र इसका रंग नीला होता है ये ध्वज के माध्यम में होता है। इसमें 24 तिल्लियां होती है। इसका अर्थ निरंतर आगे बढ़ते रहना होता है जो विकास को प्रदर्शित करता है और इसकी तुलना  24 धर्म मार्ग से की गई है इसलिए इन्हें मनुष्य के लिए बनाये गए 24 धर्म मार्ग भी कहा जाता है।


राष्ट्रीय ध्वज का सन्देश


हमारे भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमे एकता, मानवता और सच्चाई का पालन करने का सन्देश देता है। भारत अपने विशेष  संस्कारो और  परम्पराओ के लिए जाना जाता है। दुनिया में भारत एक मात्र ऐसा देशा है जो धर्मनिरपेक्षता, एकता, अखंडता का पाठ पढ़ता है।

भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमे आजादी का महत्त्व बताता है और वीर  शहीदों की याद दिलाते हुए हम में देश के प्रति प्रेम और जोश की भावना पैदा करता है।  पूरे भारत में गणतंत्र दिवस का विशेष आयोजन भारत की राजधानी नई दिल्ली में होता है इस दिन राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाता है।


भारतीय झंडा संहिता 2002


भारत का तिरंगा झंडा भारत की शान है और प्रत्येक देशवासी का अभिमान भी है अत: इस पर सभी का अधिकार भी है। जिसे देखते हुए  सरकार ने इसे फहराने की छुट देते हुए कुछ नियमो के साथ हमे जिम्मेदारी दी है जो इस प्रकार है। 

  • महत्वपूर्ण आयोजन जैसे, राष्ट्रीय संस्कृतिक कार्यक्रम, खेल-कूद आदि में केवल कागज से बने हुए झंडो को हाथ में लेकर फहराया जा सकता है। 
  •   किसी भी कार्यक्रम में प्रयोग किये गये झंडो को कार्यक्रम की समाप्ति के बाद कोई नुकसान नहीं पहुँचाया जाए  और ना ही इधर-उधर फेंका जाना चाहिए। बल्कि ऐसे झंडे का निपटारा बनाये गये नियम के अनुसार ही करना चाहिए। 
  • ध्वज किसी अधिकारी की गाड़ी पर लगाया जाए तो उसे सामने की ओर बीचों बीच या कार के दाईं ओर लगाया जाए।
  • ध्वज केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है।
  • किसी दूसरे ध्वज या पताका को राष्ट्रीय ध्वज से ऊँचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा, न ही बराबर में रखा जाएगा।
  • ध्वज की पताका धरती पर स्पर्श नहीं होनी चाहिए।

भारतीय ध्वज सहिंता का उल्लंघन


  • किसी भी व्यक्ति द्वारा भारतीय ध्वज को जलाना, विकृत करना, फाड़ना, कुचलना, कुछ लिखना या किसी भी तरह ध्वज की गरिमा या उसके सम्मान को नुकसान पहुंचाते पाया जाता है तो ऐसे व्यक्ति को तीन साल की कैद या जुर्माना अथवा दोनों हो सकते है।
  • भारतीय झंडे पर अन्य किसी भी तरह की कोई पेंटिंग, फोटो या किसी भी प्रकार के पदार्थ का उपयोग नहीं होना चाहिए ये भी भारतीय ध्वज सहिंता का उल्लंघन है।
  • भारतीय ध्वज सहिंता के अनुसार तिरंगे से बने कपडे पहनना पूर्णतय वर्जित है जो भारतीय ध्वज सहिंता के विरुद्ध है।

निष्कर्ष


पहले भारतीय झंडे को कोई भी नहीं फहरा सकता था मगर जब ये सभी को अधिकार मिला है तो हमारी जिमेदारी बनती है की हमे इसे सम्मान के साथ फहराना चाहिए और किसी को भी इसका अपमान नहीं करने देना चाहिए।

राष्ट्रीय ध्वज देश का गौरव और सम्मान है जो हमारी संस्कृति और एकता को दर्शाता है और इसी तिरंगे के लिए भारत के स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति तक देती तो हम इसके सम्मान के लिए बनाये गये कुछ नियमो पालन करना हमारी जिम्मेदारी है।

तो ये था भारतीय राष्ट्रिय ध्वज तिरंगा के बारे में निबंध। उम्मीद करता हूँ भारतीय राष्ट्रिय ध्वज तिरंगा पर निबंध (Essay on Indian National Flag In Hindi) आपको जरुर पसंद आया होगा । अगर पसंद आये तो इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें।