नमस्ते दोस्तों आज हम आज हम जंक फूड पर निबंध (Essay On Junk Food In Hindi) लिखेंगे। जंक फूड पर लिखा गया निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।
जंक फूड पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Junk Food In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। वेबसाइट के सभी लेखो के विडियो देखने के लिए हमारे YouTube Channel पर जाये। आपसे निवेदन है कि हमारे Channel को Subscribe करें।
प्रस्तावना
पुराने समय में लोग सात्विक और संतुलित भोजन करते थे, जिसमे शरीर के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते थे। इस वजह से पहले के लोगो स्वस्थ रहते थे और उनका शरीर मजबूत और तंदरुस्त रहता था।
आज बदलते ज़माने ने विभिन्न प्रकार के भोजन को जन्म दे दिया है। इन भोजन का स्वाद तो बेहद लजीज होता है मगर गुणवत्ता नाम मात्र की रह गयी है और नुकसान से पूर्ण होते है।
आजकल के लोगो को ऐसा भोजन चाहिए जो लजीज हो चाहे उसे खाने से नुकसान ही क्यों नहीं हो। बस स्वादिष्ट चाहिए। वर्तमान के लोगो में जंक फूड खाने का प्रचलन इतना बढ़ गया है कि घर के पौष्टिक आहारों जैसे:- दाल, चावल, रोटी-सब्जी का नाम सुनते है ही मुड ख़राब हो जाता है।
आधुनिक युग के बच्चो और नौजवानों को घर का खाना नहीं बल्कि पिज़्ज़ा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, गोलगप्पे और चाईनीज़ खाना पसंद है। लोगो की अच्छी खासी भीड़ आपको रेस्टोरेंट और होटलो में मिल जायेगी।
आज अपने अच्छे स्वास्थ्य को ताक पर रखकर दिया है जिससे दिन प्रतिदिन जंक फूड की मांग बढ़ती जा रही है। जंक फूड शरीर को बीमार ही नहीं कर रहा है अपितु आयु भी कम कर रहा है।
वैसे तो जंक फूड बिलकुल नहीं खाना चाहिए लेकिन स्वादिष्ट खाना खाने के दीवाने है तो ये आपको कभी कभी खाना चाहिए बस ऐसा नहीं होना चाहिए की अपना पेट जंक फूड से भर ले और घर का खाना खाना ही कम कर दे।
आपने बड़े लोगो को ये कहते जरुर सुना होगा की ये तो कचरा है तो वह बिलकुल सही बोलते है क्योंकि जिन चीजो से फायदा नहीं होता है और नुकसान होता है वो कचरे की गिनती में आता है और कचरा घर का हो या बहार का नुकसान ही पहुँचता है और आज सभी इसी कारण से किसी न किस बीमारी के शिकार होने लगे है।
जंक फ़ूड क्या होता है (what is junk food) ?
जंक फ़ूड में मुख्यत डिब्बा बंद या पैकेट बंद खाद्य पदार्थ आते है जिनका निर्माण अत्यधिक तेल, चीनी, वसा और नमक से होता है और इनमे बहुत ही कम मात्रा में आहार फाइबर , प्रोटीन , विटामिन , खनिज लवण और पोषण तत्वों होते है। ये सभी जंक फ़ूड की श्रेणी में आते है या जंक फ़ूड कहलाते है।
जंक फूड नुकसानदायक क्यों है (why junk food is harmful)?
आपने देखा होगा की जितनी भी चीजे आप खाते है लगभग सभी चीजे तलकर बनाई जाती है मतलब इनमे तेल में अधिक होता है।
जिससे मोटापा बढ़ता है और यही तेल (वसा) हमारे खून को साफ़ करने वाली ह्रदय की नलियों में जमा होती है जिससे खून की गति में रुकावट आती है और खून का सुचारु रूप से रक्त संचार नहीं हो पाता है।
जंक फूड बच्चों में प्रचलित
आजकल छोटी सी उम्र में ही माता-पिता अपने बच्चो को चिप्स, चोकलेट जैसी पैकेट वाली चीजे खाने को दे देते है। इससे बच्चे उन चीजो के आदी हो जाते है।
बच्चे अधिकतर दिन भर इन चीजो को खाते रहते है। ऐसे में उनका पेट भरा हुआ रहता है जिससे वो घर में बने पोष्टिक भोजन को नहीं खाते है जबकि इस उम्र में उन्हें सबसे ज्यादा पोष्टिक भोजन की जरुरी होती है।
जंक फूड अधिक खाने से छोटी उम्र में बच्चो में मोटापे आ जाता है साथ ही आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और इसी वजह से बच्चे शाररिक और दिमागी रूप से कमजोर हो जाते है। आज बच्चो की छोटी से उम्र में ही आखों पर चश्मा चढ़ने लगा है।
जंक फ़ूड बच्चो, नौजवानों और बड़ो सभी के लिए नुकसानदायक है इसलिए जंक फूड नहीं खाना चाहिए इनमे नाम मात्र के पोषक तत्व होते है और उससे कही ज्यादानुकसान दायक होते है ये धीरे धीरे व्यक्ति के शरीर को बीमारियों का घर बना देते है।
जंक फूड नौजवान में प्रचलित
वर्तमान में जंक फूड प्रचालन का मुख्य कारण आज की युवा पीढ़ी है। इसी वजह से आज शहर ही नहीं गाँव की गली गली में जंक फूड की दुकान, रेस्टोरेंट और होटल खुल गये है।
जहाँ युवा अवस्था में दाल, हरी सब्जी, फल आदि खाने चाहिए। उस अवस्था में आजकल के नौजवान जंक फूड खाने के आदि हो गये है।
जन्मदिन की पार्टी हो या शादी सबसे पहले जंक फूड का आर्डर करते है। अगर कही घूमने जाते है तो बस और ट्रेन में कई सारे जंक फ़ूड के पैकेट और पेय पदार्थ साथ लेकर जाते है और बड़े शौक के साथ इनका सेवन करते है।
जंक फूड ज्यादा खाने से आजकल की युवा पीढ़ी में वसा, सामान्य कार्बोहाइड्रेट और प्रसंस्कृत चीनी का सेवन बढ़ जाने से मोटापा और हृदय रोगों का खतरा बढ़ गया है।
व्यस्त और भाग-दोड भरी जिन्दगी
वर्तमान में लोगो ने स्वयं को व्यस्त और काम के निचे इतना दबा लिया है कि उनके पास खाना बनाने का समय भी नहीं है। लोग घंटो दफ्तर में व्यस्त रहते है इसलिए लोग रेडीमेड फ़ास्ट फूड खाना ज़्यादा पसंद करते है। खाना बनाने के झंझट से बचने के लिए वह जंक फूड खाना पसंद करते है। क्योंकि आज केवल एक फ़ोन से घर बैठे बना बनाया खाना मंगवाया जा सकता है।
एक दो बार जंक फूड खाते है उसके बाद उनकी आदत में बन जाता है और घर के बनाये जाने वाले पोषिक भोजन में स्वाद नहीं है बल्कि उनसे परहेज करने लगते है। नतीजा पोषक तत्वों की कमी से शरीर कई तरह की बिमारियों से घिर जाता है। जिसमे शरीर के साथ पैसो की भी बर्बादी होती है।
जंक फूड के प्रति बच्चो में जागरूकता
बच्चों और युवाओं में जंक फूड खाने की ज्यादा आदत है। अतः हमें जंक फूड से होने वाले नुकसान के बारे में बताकर उन्हें जागरूक करना चाहिए। इसमें सबसे अच्छी भागीदारी विद्यालय और कॉलेज निभा सकता है।
जंक फूड के विषय में विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए प्रतियोगिता आयोजित करवानी चाहिए, रैली निकली जानी चाहिए क्योंकि इसकी शुरुआत बच्चों से होती है।
हर स्कूल के बाहर कई ढेरों दुकानें खुली रहती है। जहां बच्चों की काफी भीड़ जमा रहती है। यहां से वह जंग फूड खरीद कर क्लास में बैठ कर खाते हैं।
विद्यालय प्रशासन का दायित्व बनता है कि वह बच्चों को जंक फूड से होने वाले नुकसान के बारे में बता कर दुकान से जंक फूड खरीदने से रोके।
अगर उन्हें जंक फूड होने वाले नुकसान से डराए या किसी भी प्रकार से रोके तो करना चाहिए क्योंकि इसमें बच्चों का ही भला है और बच्चे ही देश का भविष्य
अगर वे युवा अवस्था आने पर स्वयं बिमारियों से लड़ते रहेंगे तो देश में योगदान कैसे देंगे। बच्चे हमेशा अपने माता पिता से जंक फूड खिलाने की जिद्द करते है, जो बिलकुल सही नहीं है।
अभिभावकों को उठाने होंगे आवश्यक कदम
अधिकतर माता पिता बच्चों के खान पान पर ध्यान नहीं देते है की किस प्रकार की चीज खा रहे है। केवल उनकी पसंद मानते हुए खाने देते है। उन्हें पता नहीं होता है की ये उनके बच्चे के लिए ठीक नहीं है।
माता पिता को हमेशा बच्चो के खाने के प्रति ध्यान देना चाहिए। पौष्टिक और संतुलित भोजन बच्चो को ज़्यादा खिलाना चाहिए। अभिभावकों को जंक फूड खाने से होने वाले नुकसान के बारे में अपने बच्चो से बात करके उन्हें प्यार से समझाना चाहिए।
आजकल इन्टनेट पर भी जंक फ़ूड से होने वाले नुकसान के विडियो बताये जाते है और बच्चे देखना ज्यादा पसंद करते है तो विडियो के जरिये भी बच्चों को जंक फ़ूड के नुकसान दिखाकर उनकी आदत छुड़ा सकते है। जंक फूड कभी कभी खाने से ज़्यादा कुछ नहीं होता है। मगर जंक फूड को अपनी आदत बना लेना गलत है।
बच्चों की पसंद का खाना बनाये
आजकल बहार मिलने वाली स्वादिष्ट चीजे घर पर भी बनाई जा सकती है। अगर आपको नहीं आती है तो youtube पर भी देखकर रेस्टोरेंट जैसा खाना और फ़ास्ट फ़ूड बनाकर बच्चों को खिला सकते है।
ये आपके बच्चो के लिए सुरक्षित होअता है क्योंकि इसमें आप रोजाना बनाये जाने वाले ताजा तेल, मसलों और सब्जियों का उपयोग करते है। अत: आप घर पर भी स्वादिष्ट व्यंजन बना कर बच्चों को जंक फ़ूड की आदत से छुटकारा दिला सकते है।
जंक फूड सेहत के लिए खतरा नहीं है
जंक फूड सेहत के लिए लाभप्रद नहीं है। क्योंकि इसमें बहुत ही ज्यादा मात्रा में चीनी, नमक और खराब फैट और कोलेस्ट्रॉल होता है, जो सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। जंक फूड में अत्याधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
जंक फूड ज़्यादा खाने से पेट से संबंधित समस्याएं होती है। ज़्यादा जंक फूड खाने से हाइपर टेंशन और टाइफाइड जैसे रोग होने की सम्भावना बन जाती है। बच्चे और युवा वर्ग इतना अधिक जंक फूड खाते है की जिसकी वजह से वह डाइबिटीज जैसी बीमारी का शिकार बन जाते है।
जंक फूड और फ़ास्ट फूड का अधिक प्रचलन
जंक फ़ूड और फ़ास्ट फ़ूड दोनों में अंतर है जंक फ़ूड पैकेट में बंद होते है जिन्हें कभी भी खोलकर खा सकते है ये जल्दी ख़राब नहीं होते है जबकि फ़ास्ट फ़ूड को तुरंत बनाकर खाया जाता है।
जिस तेजी से जंक फूड की मांग बढ़ रही है, उसी तेजी से देशवासियों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। प्रत्येक व्यक्ति किसी न किस समस्या से परेशान है।
लोग जानते है की इस तरह का भोजन उनके लिए नुकसानदायक है अपने मगर वे स्वाद के कारण खाने से खुद को रोक नहीं पाते है इसलिए जंक फूड के प्रति लोगो में क्रेज देखा जा सकता है।
पार्टियों में, जन्मदिन में जंक फूड आना आजकल एक तरह से रिवाज ही बन गया है। अक्सर लोग कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, नूडल्स, बर्गर इत्यादि का मज़ा लेते है और अपने शरीर के स्वास्थ्य के बिलकुल भी चिंता नहीं करते है। जंक फूड सस्ता और स्वादिष्ट होता है इसी वजह से लोग जंक फूड के दीवाने है। जंक फूड में कोई पौष्टिक तत्व नहीं होते है।
जंक फूड और फ़ास्ट फूड से होने वाले प्रभाव
जंक फूड से आलस आने लगता है। काम करने की इच्छा कम हो जाती है क्योंकि जंक फ़ूड में अधिकतर तेल , वसा युक्त खाद्य सामग्री का उपयोग किया जाता है। जिस वजह से अत्याधिक जंक फूड खाने से मोटापा और ह्रदय से संबंधित समस्याए हो रही है।
अधिकतर जंक फूड में बहुत तेल और चीनी अधिक मात्रा में होती है। जब जंक फूड को शरीर पचा नहीं पता है तो इससे मनुष्य के शरीर को भरपूर ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है।
पिज़्ज़ा, बर्गर इत्यादि जंक फूड में कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है। जंक फूड और फ़ास्ट फूड में फाइबर मौजूद नहीं होता है, बवासीर का मुख्य कारण जंक फूड और फ़ास्ट फ़ूड है क्योंकि ये जल्दी नहीं पचने के कारण पेट में चिपक जाता है और ये धीरे धीरे सुखकर बवासीर का रूप ले लेता है। जंक फूड में कैलोरीज की अधिक मात्रा के कारण मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याए होती है।
आखरी सवाल
सब लोग जानते है की जंक फूड कितने नुकसानदायक है बावजूद इसके लोग इनको खाते है। जंक फूड खाने का केवल एक कारण मात्र है की ये स्वादिष्ट है जिसके आगे लोग अपने स्वास्थ्य को भी ख़राब करने से नहीं झिझकते है।
सबसे बड़ी बात ये काफी सस्ते होते और आसानी से कही भी मिल जाते है। बाजार और गली नुक्कड़ में लोग फ़ास्ट फूड जैसे चाऊमीन और चाइनिज खाना खाते हुए नज़र आएंगे।
आजकल के बच्चों को घर पर बनी पौष्टिक दाल, सब्ज़ी, रोटी और दूध जैसे आहारों से लोगो को पसंद नहीं है। वे जंक फूड के आदि हो गये है , जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते है। हमे सबसे पहले अपने स्वाद पर अंकुश लगाना होगा और अच्छे स्वास्थ्य और अच्छे जीवन के लिय पौष्टिक भोजन को अपनाना होगा।
निष्कर्ष
जंक फूड के बारे में अभी तक जितना भी हमने जाना उससे ये पता चलता है की जंक फूड किस भी प्रकार से अच्छा नहीं बल्कि ये हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक है।
जंक फूड खाने से हमारे शरीर को बिलकुल भी फायदा नहीं बल्कि अनगिनत नुकसान है।लम्बी आयु और अच्छे जीवन के लिए जंक फूड और फ़ास्ट फूड को छोड़कर हमे संतुलित भोजन को अपनाना चाहिए ।
दोस्त ये था जंक फूड (Essay on Junk Food In Hindi) आपको जरुर पसंद आया होगा पसंद आये तो इसे अपने परिवार के साथ जरुर शेयर करें ध्यांवाद