नमस्ते दोस्तों आज हम आज हम सड़क सुरक्षा पर निबंध (Essay on Road Safety In Hindi) लिखेंगे। सड़क सुरक्षापर निबंध का उपयोग बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।
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सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay In Hindi)
प्रस्तावना
आदिकाल से ही मनुष्य ने अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए नित नित अविष्कार करता रहा है। हम अधिकतर दैनिक कार्य करने के लिए एक स्थान से दुसरे स्थान पर जाते रहते है। जैसे: नौकरी, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल आदि।
किसी भी स्थान पर जाने के लिए हम यातायात के साधनो का इस्तेमाल करते है। जिसमे हमारे जीवन के लिए सड़क सुरक्षा महत्वपूर्ण विषय है।
आजकल दुर्घटनाओ की खबरों से अख़बार भरे रहते है। इसमें लगभग सभी सड़क हादसों के लिए मानव की लापरवाही होती है। जिसके कारण परिवार के लोग अपनों को खो देते है।
सड़को हादसों को रोकने के लिए नियम भी बनाये गये है, जिसका पालन करके सड़को पर पैदल चलने वाले और गाड़ी चलाने वाले लोगो दुसरो को और खुद को सुरक्षित रख सकते है।
सड़क सुरक्षा नियमो (Road Safety Rules) का पालन करने से हादसों पर लगाम लगाईं जा सकती है जिससे यात्रा अधिक सुरक्षित होगी।
संडक दुर्घटना के कारण
- बढती जनसँख्या :- जनसँख्या वृद्धि के कारण सड़क पर अधिक भीड़ रहती है। लोग अपने गंतव्य पर पहुचने के लिए सड़क गलत तरीके से सड़क पार करते है। जैसे: भागकर सड़कर पार करना, रेलिंग पर चढना और बिना सडक नियमो का पालन किये बिना भरे ट्रैफिक के बीच सडक पार करते। जिसमे कई बार वाहन की चपेट में आने से लोगो की जान चली जाती है।
- बढे यातायात के साधन:- जनसँख्या वृद्धि के कारण निजी यातायात के साधन की खरीदारी बढती जा रही है जिससे सडक पर मोटर गाड़ियों की भीड़ बढ़ने से अधिकतर ट्रैफिक जाम रहता है। जिसे निकालना ट्रैफिक पुलिस के लिए सिर दर्द बन जाता है। इसका मुख्य कारण प्रत्येक व्यक्ति के पास अपने साधन है और छोटे से काम के लिए भी वाहन लेकर निकल जाते है। कई बार नियमो को दरकिनार करते हुए नौजवान तेज गति से गाड़ी चलाते है और दुर्घटना के शिकार हो जाते है।
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अवैध लाईसेंस:- भ्रष्टाचार के कारण आज कई लोग गाड़ी चलाने के शौक को पूरा करने के लिए बिना पूरा प्रशिक्षण लिए गाड़ी चलने के लिए पैसे देकर सडक लाइसेंस बनवा लेते है जिससे अक्सर संडक दुर्घटनाये होती है
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टूटी फूटी सड़के :- कई जगह सड़को की हालत बहुत ही खराब होती है। सडक ख़राब होने का मुख्य कारण सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग और सरकार द्वारा सड़क की देख रख में लापरवाही के कारण होती है। इस वजह से वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते है। सड़क की देख रखे करना सरकार की ही नहीं हमारी भी जिम्मेदारी है क्योंकि वह तरीके से नहीं चलाने पर भी सड़क की टूट फुट होते है।
सड़क सुरक्षा के नियम (road safety rules)
सड़क पर पैदल चलने के नियम
- सड़क पर हमेशा बाय तरफ चलना चाहिए।
- सडक पार करते समय हमेशा दाए और बाए जरुर देखे।
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यदि सड़क के दोनों ओर फुटपाथ है तो फुटपाथ पर चलना चाहिए।
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बिना फुटपाथ वाली सड़क पर जहाँ सामने से ट्रॅफिक आ रहा है एकदम दाहिनें तरफ चलें।
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सड़क पार करने के लिए जेबरा क्रॉसिंग या पैदल ऊपरगामी पुल का प्रयोग करना चाहिए।
- जहाँ सड़क पर करने के लिए कुछ नहीं है वहा सावधानी से संडक पार करना चाहिए।
- आठ साल से कम उम्र के बच्चों को सड़क पर करवाने के लिए एक बड़ा व्यक्ति साथ होना चाहिए।
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वाहन आपसे काफी दुरी पर तभी ही सडक पर करनी चाहिए।
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कभी भी दौड़ कर, जल्दबाजी मे या रेलिंग से कूदकर सड़क पार नहीं करनी चाहिए।
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ट्रैफिक जाम में या रेड लाइट में खड़ी गाड़ियों के सामने या बीच मे से सड़क पार ना करें।
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सड़क पर चलते समय ऐसा मोड़ जहाँ आपको वाहन चालक देख ना सके ऐसे मोड़ से सड़क पार ना करें।
वाहन चालक के लिए नियम
- वाहन चालक को अपनी गाडी हमेशा सडक के बीच बनी सफ़ेद पट्टी के अंदर चलाना चाहिए।
- वाहन चालक को गाड़ी चलते समय गाड़ी को मोड़ पर तेज गति से नहीं घुमाना चाहिए।
- गाड़ी चलते समय मोबाइल, ईरफ़ोन चालक का ध्यान भटकाते है इसलिए इनका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- गाड़ी की गति कम और ज्यादा तय किये गये नियम के अनुसार ही बढ़ाये।
- गाड़ी चलते समय सीट बैल्ट का प्रयोग करे।
- रेड लाइट होने पर गाड़ी को निकलने की और ग्रीन होने पर तेजी से नहीं चलाना चाहिए।
- गाड़ी को मोड़ते समय हाथ से इशारा करे या गाड़ी की दाए-बाए बनी लाइट का प्रयोग करें।
- गलत तरीके से या मनोरंजन के लिय गाड़ी को तेज गति से ओवरटेक नहीं करना चाहिए।
- कभी शराब पीकर नशे में गाड़ी नहीं चलानी चाहिए।
बच्चो को जागरूक करें
अक्सर बच्चो को सड़क सुरक्षा के नियम बताने पर किसी का ध्यान नहीं जाता है इसलिए बच्चों को सड़क सुरक्षा नियम मालूम नहीं होते है। अत: बच्चों को सड़क सुरक्षा के बारे में ज्ञान देना अवश्यक है।
प्रत्येक कक्षा के पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा के नियम शामिल नहीं है और जहाँ शामिल है वह केवल खानापूर्ति की जाती है। जिस वजह से बच्चे उन्हें अच्छे से ग्रहण नहीं कर पाते है। इसके लिए उन्हें मनोरंजक तरीके से सुरक्षा के नियम सिखाने चाहिए।
कई ड्राईवर समझदार होते है जो बच्चों को सामने देखते ही गाडी धीमी कर लेते है मगर अधिकतर ड्राईवर असमंजस में रहते है की बच्चे सड़क पार करना चाहते है या नहीं जिससे कई बार बच्चे गाड़ी की चपेट में आ जाते है अत: बच्चों को ये शिक्षा घर और स्कूल से मिलनी चाहिए
माता पिता की भागीदारी
बच्चे बहुत ही भोले और सीधे होते है इसलिए उन्हें सड़क किस तरह से पार करनी चाहिए नहीं पता होता है इस कारण कई बार वाहन सामने आने से विचलित हो जाते है और जल्दीबाजी में इधर-उधर भागने लगते है जिससे कई बार हादसे हो जाते है।
माता-पिता अपने बच्चों को इसी वजह से स्कूल नहीं भेजते है क्योंकि उनको डर रहता है की बच्चा सड़क पार कैसे करेगा इसलिए माता-पिता की जिम्मेदारी होती है की वे अपने बच्चों को सड़क सुरक्षा के सभी नियम सिखाये ताकि वे स्कूल भी जा सकें और बहार भी निकल सकें।
जब भी माता पिता अपने बच्चों कही बहार लेकर जाए तो वहा की यथा स्थिति में बच्चो को बताये की सड़क पार करते समय बांये और दांये देखना चाहिए। अगर कोई गाड़ी दिखाई ना दे या काफी दूर हो तभी सडक पार करें। अगर गाड़ी सामने आ जाए तो घबराये नहीं और ना ही इधर उधर दोड़े जैसे बाते समझानी चाहिए।
अक्सर देखा जाता है की कई बार बच्चे अपने अभिभावकों के साथ चलने के बजाय आगे दौड़ने लगते है अत: माता पिता अपने बच्चो को ऐसा करने से मना करना चाहिए।
गाँव में माता पिता अपने बच्चों को अकेला खेलने के लिए छोड़ देते है। ऐसे में बच्चे खेलते-खेलते सडक पर चले जाते है। इसलिए माता-पिता को बच्चे की हर प्रतिक्रिया का ध्यान रखना चाहिए। यदि वह बार बार सड़क पर जाए तो उसे समझना चाहिए।
नवयुवक बने जिम्मेदार
लापरवाही बरतने में आजकल के नवयुवक सबसे आगे रहते हैं क्योंकि युवा अवस्था में जोश रहता है। जैसे गाड़ी तेज गति से चलाना, स्टंट मारना, गलत तरीके से ओवरटेक करना आदि।
कई बार नवयुवक लाल बत्ती होने पर भी गाड़ी क्रॉस कर देते हैं। वर्तमान में युवाओं में गाड़ी चलाते समय कानों में ईयर फोन लगाना एक शौक बन गया है।
गाने सुनते हुए गाडी चलने पर से पीछे आने वाली गाड़ी के हॉर्न सुनाई नही देते हैं जिससे से कई बार दुर्घटनाएं हो जाती है। अतः नव युवकों को गाड़ी चलाते समय अपना ध्यान गाड़ी चलाने पर ही रखना चाहिए मोबाइल और इयरफोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
सडक सुरक्षा के लिए दिए हुए संकेत
सबसे पहले लाल बत्ती जलती है, तब उस सडक पर आने वाली सभी गाड़िया रुक जाती है। इसके बाद पीली बत्ती का जलती है। जिसका अर्थ है गाड़ी रवाना करने को तैयार रहे। इसके बाद हरी बत्ती जलती है मतलब अब प्रस्थान कर सकते है।
सडक सुरक्षा के लिए दिए गए संकेत यातायात को सही और सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है ताकि किसी तरह का कोई हादसा नहीं हो मगर फिर भी लोग जल्दी बाजी में सड़क के संकेतो का पालन नहीं करते है जिससे कई बार सड़क दुर्घटना हो जाती है।
निष्कर्ष
सड़क सुरक्षा का पालन करना हम सबका कर्तव्य हैक्योंकि ये हमे सुरक्षित रखने के लिए बनाये गये है। इसमें किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। क्योंकि अपने साथ-साथ प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अनमोल है।
सड़क सुरक्षा के नियमो का पालन नहीं करने से अधिक दुर्घटनाये होने लगी है और इसके लिए सरकार ने नियमो को और अधिक चालान के साथ कठोर कर दिया है इसलिए हम सभी जिम्मेदार नागरिक बनकर सड़क सुरक्षा के नियमो का पालन करे।
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तो दोस्तों ये था सड़क सुरक्षा के बारे में निबंध उम्मीद करता हूँ आपको सड़क सुरक्षा पर निबंध II (Essay on Road Safety In Hindi) जरुर पसंद आया होगा अगर पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें। धन्यवाद