सुनीता विलियम्‍स पर निबंध (Essay On Sunita Williams In Hindi)

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नमस्ते दोस्तों आज हम आज हम सुनीता विलियम्‍स पर निबंध (Essay On Sunita Williams In Hindi) लिखेंगे। सुनीता विलियम्‍स पर निबंध का उपयोग बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।


सुनीता विलियम्‍स पर निबंध (Essay On Sunita Williams In Hindi)


प्रस्तावना 

अगर वर्तमान स्थिति को देखा जाए तो महिलाएं पुरुष से हर क्षेत्र में आगे है। चाहे आप खेल कूद कि बात करें  या व्यापार की आज महिला पुरुष को हर जगह कड़ी प्रतिस्पर्धा के साथ टक्कर दे रही है।

पहले जहाँ पुरुषों कि प्रतिभा का वर्चस्व होता था। आज महिलाओं ने अपनी प्रतिभा से पुरुषों के वर्चस्व को समाप्त कर एक नयी कहानी लिख डाली है जहा पुरुष के सभी कार्य महिला भी कर सकती है।

कल्पना चावला जो कि अन्तरिक्ष यात्री थी उनका नाम सभी ने सुना है। आज चाहे वो हमारे साथ नहीं है मगर उनके कार्य आज भी याद किये जाते है। सुनीता के बाद भारतीय मूल की महिला सुनीता विलियम है, जिन्होंने अन्तरिक्ष में सफल यात्रा कर अपनी प्रतिभा से भारत का नाम रोशन  किया है।


 जीवन परिचय 


सुनीता विलियम्‍स का जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के ओहियो राज्य में यूक्लिड नगर (स्थित क्लीवलैंड) में हुआ था। सुनीता विलियम्‍स के पिता का नाम  डॉ॰ दीपक एन. पांड्या थे जो तंत्रिका विज्ञानी के (एम.डी) हैं, जो गुजरात के अहमदाबाद में है। इनका पैतृक गांव गुजरात के मेहसाणा में स्थित झुलासन गाँव है। जबकि माता कानाम बॉनी जालोकर पांड्या ये स्लोवेनिया की रहने वाली थी।

सुनीता विलियम्‍स का जन्म अमेरिका में जरुर हुआ था मगर माता-पिता के भारतीय संस्कारो ने सुनीता विलियम्‍स को भारत से जोड़कर रखा और इसी वजह से सुनीता विलियम्‍स का भारत से गहरा सम्बन्ध है।


  सुनीता विलियम्‍स  की शिक्षा


सुनीता विलियम्‍स ने पढाई की शुरुआत ‘हिलसाइड एलीमेंटरी स्‍कूल’ से की इसके बाद वे ‘न्‍यूमैन जूनियर हाई स्‍कूल’ और फिर ‘चीडहैम हाई स्‍कूल’ में अपनी 12वीं की परीक्षा पास की।

सुनीता विलियम्‍स एक मेघावी और दृढ संकल्प वाली महिला थी कक्षा में फेल होने के बावजूद उन्‍होंने हिम्मत नहीं हारी और कड़े परिश्रम से सभी विद्यार्थियो को पीछे छोडती हुई आगे निकल गयी।

सुनीता विलियम्स ने 1983 में मैसाचुसेट्स के नीधम हाई स्कूल से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 1987 में यूनाइटेड स्टेट्स नेवल अकादमी से भौतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की, और 1995 में फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग प्रबंधन में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की।


धार्मिक ग्रंथो से लगाव 


सुनीता विलियम्‍स के माता-पिता भारतीय थे। वे अमेरिका में रहते थे मगर उन्होंने अपनी बेटी सुनीता का भारतीय संस्करो के माहौल में पालन पोषण किया था।

सुनीता विलियम्‍स के पिता दीपक पांड्या ने बचपन से ही सुनीता विलियम्‍स को गीता सार सिखाया करते थे।  वे सुनीता विलियम्‍स को भारतीय धर्म ग्रन्थ पढने को दिया करते थे। जिन्हें पढ़कर सुनीता विलियम्‍स काफी प्रभावित थी।

सुनीता विलियम्‍स अन्तरिक्ष में जाते समय भी अपने साथ श्रीमदभगवतगीता और गणेश जी की छोटी सी प्रतिमा ले जाना नहीं भूली और जब भी उन्हें अन्तरिक्ष में समय मिलता था। वे धर्मग्रंथों के श्‍लोक को पढ़ा करती थी।


सुनीता विलियम्‍स का करियर 


सुनीता विलियम्‍स को बचपन से ही अंतरिक्ष के क्षेत्र में रूचि थी। वे  4-5 साल की थी तब वे टीवी पर नील आर्मस्‍ट्रॉन्‍ग को चंद्रमा पर चहलकदमी करते देखती थी।

सुनीता विलियम्‍स का लक्ष्य अन्तरिक्ष यात्री का नहीं था। वे जानवरों का डॉक्टर बनना चाहती थी क्योंकि उनको जानवरों से बेहद लगाव था इसलिए वे वेटनरी डॉक्टर का बनना चाहती थी। सुनीता विलियम्‍स को तैराकी का भी शौक था।

सुनीता विलियम्‍स कुछ कॉलेजो में अध्ययन करना चाहती है मगर उन्हें प्रवेश नहीं मिला लेकिन जब उनके भाई ने उन्हें नेवी और नेवल एकेडमी ज्वाइन करने की सलाह दी। जिसे बारे में वे अक्सर सोचा करती थी तब उन्होंने नेवी और नेवल एकेडमी ज्वाइन करने का निश्चय कर लिया।

सुनीता विलियम्‍स के करियर की शुरुआत मई 1987 में पहली नियुक्ति अमेरिकी नौसेना में पायलेट के रूप में हुई लेकिन वे ड्राईवर बनना चाहती थी। ठीक ऐसी ही वे जेट विमान की पायलेट बनना चाहती थी मगर हेलीकाप्टर की पायलेट बन गयी जिसमे उन्होंने विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टर और एयरक्राफ्ट उड़ाने का प्रशिक्षण लिया था।

सुनीता विलियम्स को 30 तरह के विमानों में 3000 से ज्यादा घंटे उड़ान भरने का अनुभव प्राप्त था। सुनीता विलियम्स को छह महीने के अस्थायी असाइनमेंट के बाद उनको बेसिक डाइविंग अफसर नियुक्त किया गया। 1998 में सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्षयात्रा के लिए प्रशिक्षण लेना शुरू किया।

सुनीता विलियम की पहली अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत 9 दिसंबर, 2006 को डिस्कवरी यान के साथ हुई थी। 11 दिसंबर 2006 को सुनीता विलियम डिस्कवरी यान से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर पंहुची और वह 192 दिनो तक अंतरिक्ष में रहने के बाद 22 जून, 2007 को धरती पर वापसी हुई।

9 दिसंबर, 2006 को भेजे गये डिस्कवरी यान में 14 क्रू मेम्बर शामिल शामिल थे। सुनीता विलियम ने  अन्तरिक्ष में सबसे ज्यादा चहलकदमी (स्पेसवॉक ) करने का रिकॉर्ड कायम किया जो 50 घंटे और 40 मिनट का था।

सुनीता विलियम्स ने  दो शटल मिशन में करीब 322 दिन गुजारे इसके बाद सुनीता विलियम्स ने अपनी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा 14 जुलाई 2012 को शुरू की और चार महीने अन्तरिक्ष में गुजारने के बाद सुनीता विलियम्स पृथ्वी पर सकुशल लौट आईं।


सुनीता विलियम को सम्मान और पुरस्कार


सुनीता विलियम को उनके महत्वपूर्ण कार्यो के लिए भारत सरकार ने विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में सफलतापूर्वक कार्य करने के लिए सन 2008 में  पद्म भूषण से सम्मानित किया था। इसके अलावा उन्हें नेवी कमेंडेशन मेडल और नेवी एंड मैरीन कॉर्प एचीवमेंट मेडल, ह्यूमैनिटेरियन सर्विस मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।


महिलाओं वर्ग के लिए प्रेरणा स्रोत


सुनीता विलियम्स ने जीवन में नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए क्योंकि वह किसी भी कार्य को इच्छाशक्ति और दृढ संकल्प के साथ करती थी। सुनीता विलियम्स नारी जाति के लिए प्रेरणास्रोत है। उनके इस कार्य से वे सभी महिलाएं प्रेरित होगी। जिन्होंने सुनीता विलियम्स की तरह अपने जीवन में कुछ बड़ा करने के सपने देखे है। 

सुनीता विलियम्स ने अपने कार्य से यह साबित कर दिया कि अगर महिला चाहे तो दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति के साथ किसी भी कठिन कार्य में सफलता हासिल कर सकती है।


सुनीता विलियम का विवाह


सुनीता विलियम का विवाह माइकल जे बिलियन से हुआ था। जो अमेरिका के संयुक्त राष्ट्र सेना चालक परीक्षण, पायलट, मैराथन धावक के साथ–साथ पेशेवर नौसैनिक हेलीकॉप्टर पायलट, गोताखोर आदि है। वर्तमान में माइकल जे विलियम संयुक्त राष्ट्र अमेरिका नासा अंतरिक्ष केंद्र में कार्यरत है।


सुनीता विलियम की उपलब्धियां


  • सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला अंतरिक्ष यात्री थी 
  • अमेरिका के नासा केंद्र से अंतरिक्ष में 321 दिन 17 घंटे और 15 मिनट की यात्रा की है।
  • सुनीता विलियम ने एसटीएस 116, आई एस एस 15, आई एस एस अभियान 14, अभियान 32, अभियान 33, सोयूज टी एम ए – 05 एम, एसटीएस 117 आदि अंतरिक्ष अभियान में सफलता हासिल की है।
  • सुनीता विलियम ने अब तक 30 अंतरिक्ष यान में 2770 उड़ाने भरकर कीर्तिमान स्थापित किया 
  • सुनीता विलियम ने  अन्तरिक्ष में सबसे ज्यादा चहलकदमी (स्पेसवॉक ) करने का रिकॉर्ड कायम किया जो 50 घंटे और 40 मिनट का था।

उपसंहार


सुनीता विलियम अमेरिका में रहते हुए भी भारत के साथ जुडी रही और यहाँ की संस्कृति और धार्मिक ग्रंथो को अपने जीवन में उतारा साबित किया कि उनके द्वारा किये गये सभी कार्य भारत और भारत लोगो को समर्पित है।   

सुनीता विलियम ने अन्तरिक्ष में विश्व रिकॉर्ड बनाकर भारत के गौरव को बढाया है उनके इस कार्य से वे सभी विद्यार्थी प्रेरित होंगे जो सुनीता विलियम्स की तरह अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में या ने किसी क्षेत्र में कुछ बड़ा करना चाहते है।

तो ये था सुनीता विलियम्‍स पर निबंध उम्मीद करता हूँ सुनीता विलियम्‍स पर निबंध (Essay On Sunita Williams In Hindi) आपको जरुर पसंद आया होगा । अगर पसंद आये तो इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें।