नमस्ते दोस्तों आज हम आज हम भारतीय संस्कृति पर निबंध (India Culture Essay in Hindi) लिखेंगे। भारतीय संस्कृति पर निबंध का उपयोग बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।
India Culture Essay in Hindi
प्रस्तावना
भारत पूरे विश्व में अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है। आज विदेशो में भारतीय संस्कृति के महत्त्व को समझने लगे और उसे जानने के लिए भारत आते है।
भारत में विभिन्न भाषाएँ, त्यौहार, खाना पाना, रहन सहन, वेशभूषा, आस्था और सम्मान सभी में भारत की संस्कृति से श्रेष्ट है इसलिए कहा जाता है भारत जैसे और कोई देश नहीं है।
भारत के लोगो ने पुराने समय से चली आ रही सभी परम्पराओं को निभाते हुए भारतीय संस्कृति को जीवित रखा है। भारत में भले की कई धर्मो के लोग रहते है और विभिन्न भाषाएँ बोली जाती है मगर सभी में एकता के दर्शन होते है इसलिए भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। हमारे भारत की संस्कृति सबसे पुरानी संस्कृति है यहाँ सभी लोग एक दूसरे के प्रति भाईचारा रखते है।
विभिन्न त्योहार
भारत में जितने त्योहारों मनाये जाते है शायद और किसी देश में नहीं मनाये जाते है। यहाँ हर महीने कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है जो पुरे 12 महीनो तक चलता है।
भारत में मनाये जाने वाले सभी त्यौहार धर्मो की आस्था का केंद्र है और प्रत्येक त्यौहार का सम्बन्ध किस ना किसी घटना से जुड़ा है।
भारत के महत्वपूर्ण त्योहारों में मकर संक्रांति, बसंत पंचमी, महाशिवरात्रि, होली, रामनवमी, बैसाखी, ईद, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दशहरा, करवाचौथ, क्रिसमिस, धनतेरस और दीपावली प्रमुख है।
भारत में मनाये जाने वाले त्योहारों को सभी धर्मो के लोग एक था मिलकर मानते है जो उसे एकता के सूत्र में बांधता है और इसलिए यहाँ के सभी धर्मो के लोग मिल झूलकर और प्रेमपूर्वक रहते है।
विभिन्न भाषाएँ
दुनिया में प्रत्येक देश की अपनी भाषा होती है। भारत में 500 से भी अधिक भाषाएँ बोली जाती है। जिनमे राजस्थानी, कन्नड़, तेलगु, हरयाणवी, तमिल, बंगाल, पंजाबी और गुजराती इसके अलाव कई और भाषाए है भारत में क्षेत्र बदलने के साथ भाषा और बोली में भी बदल जाती है। भारत में भाषा में विभिन्नता होते हुए भी सभी में एकता है।
देवी देवताओं की जन्म भूमि
भारत की धरती ऋषि मुनियों और देवी देवतों की जन्म भूमि रही है। यहाँ कई महान ऋषि मुनियों और देवी देवताओं ने जन्म लेकर लोग के कल्याण के लिए कार्य किया।
भारत में दुनिया के सबसे पुराने वेद, रामायण और गीता जैसे पवित्र ग्रन्थ लिखे गये ताकि मनुष्य जीवन के उद्देश्य को समझते हुए लोककल्याण हेतु कार्य करें।
संयुक्त परिवार
भारत में प्राचीन समय से ही सयुंक्त परिवार का चलन रहा है। भारत की संस्कृति में सयुंक्त परिवार का बहुत महत्त्व है। सयुंक्त परिवार में माता-पिता, दादा-दादी, बेटा-बेटी, चाचा-चाची और वर-वधु आदि रहते है।
भारत में आज भी लोग पहले की तरह संयुक्त परिवारों मौजूद है मगर अब इसमें थोड़ी कमी आई है जिसका मुख्य कारण पढ़ाई, नौकरी के कारण अलग रहना पड़ता है।
संयुक्त परिवार में लोग एक दूसरे का दुःख दर्द बाँट सकते है। मुश्किल घड़ी में परिवार सभी सदस्य हर मुसीबत का सामना साथ मिलकर करते है।
अतिथि देवो भवः
बचपन से हम में मेहमानों की आवभगत करना सिखाया है हमारी भारतीय संस्कृति में मेहमानों को भगवान् का दर्जा दिया गया है इसलिए जब भी कोई व्यक्ति घर पर आता है तो उसका सत्कार आवभगत की जाती है। भोजन-पानी की व्यवस्था की जाती है।
ऐसा कहा जाता है की जब कोई अतिथि घर आते है अपने चरण रज के साथ घर में प्रवेश करते है तो उसे आतिथ्य ग्रहण करते है और घर से जाते समय पुण्य छोड़ जाते है अत: अतिथि का हमेशा सम्मान करना चाहिए।
धार्मिक एकता
भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है क्योंकि यहाँ हिन्दू, मुस्लिम, सिख और इसाई जैसे विभन्न धर्मो के लोग एक साथ प्रेम से रहते है। भारत की आजादी के समय भी देश को आजाद करने के लिए सभी धर्मो ने मिलकर लड़ाई लड़ी थी।
भारत की प्रमुख विशेषता ये है कि यहाँ सभी धर्मो के धर्म स्थल मंदिर, गुरद्वारे, मस्जिद और चर्च मौजूद है जहाँ किसी भी धर्म का व्यक्ति दुसरे धर्मो के धर्म स्थल में जाने के लिए पूर्णतय आजाद है। यहाँ सभी एक दुसरे के धर्म का आदर करते है।
गाय को माता का दर्जा
प्राचीन समय से गाय को माता के रूप में पूजा जाता है। गाय का जन्म समुन्द्र मंथन से हुआ था। जिसमे काम धेनु गाय का जन्म हुआ। यह गाय सभी तरह की इच्छा पूरी करती थी।
ऋषि मुनि भी गाय को पालते थे और उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते थे। वे गाय को माता कहकर पुकारते थे। भगवान् कृष्ण गाय पालते थे और उन्हें चराते थे।
गाय का हमे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। गाय का उपयोग खेती करने और दूध के लिए करते है। गाय के दूध से दही, मक्खन और विभिन्न प्रकार की स्वादिस्ट मिठाई बनती है।
आज अधिकतर लोग गाय के दूध पर ही निर्भर है जिसे बेचकर वे आजीविका कमा रहे है। इतना सब कुछ देने के बाद भी गाय हमसे बदले में कुछ नहीं मांगती है इसलिए गाय को माता बोला जाता है।
भारत में मनाये जाने वाले कई त्योहारों में गाय की पूजा की जाती है। जिसमे दिवाली से अगले दिन गोवर्धन पर गाय को पूजा जाता है अत: गाय का हिन्दू संस्कृति में बहुत महत्त्व है।
शाकाहरी रवैया
भारत में जीवों की रक्षा और उनके प्रति दया और करुणा भाव रखा जाता है इ सलिए भारत में मांसाहार करना गलत माना जाता है क्योंकि भारत की संस्कृति में प्रत्येक जीव दुःख और सुख महसूस करता है उनमे भी आत्मा निवास करती है।
जिस तरह मनुष्य भगवन का अंश है ठीक उसी प्रकार जीव जंतु भी भगवान की देन है। सभी जीवों का जन्म किसी ना किसी उदेश्य से हुआ है और सभी जीव-जन्तु प्रकृति का संतुलन बनाने में अहम् भूमिका निभाते है।
दुनिया में केवल भारत ही शाकाहार परम्परा का पालन करता है हालाँकि कुछ लोग भारतीय संस्कृति का पालन नहीं करते है और मांसाहार करते है मगर असल में भारत केवल शकाहारी भोजन को महत्त्व देता है।
देश की परम्परा एवं रीति
भारत देश जैसी परम्परा दुनिया के किसी देश और धर्म में देखने को नहीं मिलती है। यहाँ सभी बड़ो के चरण स्पर्श और नमस्कार कर अभिवादन करते है। जरूरतमंद की सहायता करते है। आज भी इस परम्परा का पालन कर रहे है।
वर्तमान में भी माता पिता अपने बच्चो को बचपन से बड़ो को नमस्कार करना, चरण छूना जैसी भारतीय रीती और परम्परा का पालन करना सीखा रहे है, जिससे बच्चों में अच्छे संस्कार विकास होता है।
स्त्री सम्मान
पूरी दुनिया में भारत स्त्री सम्मान के लिए जाना जाता है। प्राचीन समय से स्त्री को देवी का रूप मानकर पूजा जाता रहा है। धरती पर मनुष्य को जीवन स्त्री के गर्भ से मिलता है।
स्त्री जब माँ बनती तो बिना किसी भेदभाव और स्वार्थ के अपनी संतान का पालन पोषण करती है। स्त्री अपने जीवन माँ, बहन, और बहु जैसे कई किरदार निभाती है इसलिए स्त्री का स्थान सर्वोपारी है मनु स्मृति में भी इसका वर्णन है जिसमे एक श्लोक भी है जो इस प्रकार है।
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः ।यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः अर्थात जहाँ स्त्री का सम्मान या आदर किया जाता है वह सुख-समृधि, वैभव यानि देवताओं का निवास होता है और जहा स्त्री का अपमना और उन पर अत्याचार होता है उस घर परिवार का सर्वनाश हो जाता है।
वस्त्र-धारण
जिस प्रकार भारत में विभन्न धर्मो और भाषा के लोग रहते है ठीक वैसे ही भारत के प्रत्येक राज्य अपने राज्य की संस्कृति के अनुसार वेसभूषा है।
भारत की वेशभूषा में अधिकतर महिलाये सलवार सूट- साड़ी पहनती है तो पुरुष कुर्ता-पजामा, पेंट-शर्ट पहनते है भारत में स्त्रिया मर्यादा का पालन करते हुए सादगी के साथ कपडे पहनती है।
भारत में आज भी वस्त्र संस्कृति के अनुसार पहने जाते है हलाकि बदलते दौर में नौजवान इनको कम पहनते है मगर आज भी लोग संस्कृति के अनुसार कपडे को ज्यादा पसंद करते है। भारत के पहनावे को विदेशो में भी काफी पसंद किया जा रहा है इसलिए वे भी भारतीय वेशभूषा को अपना रहे है।
विभिन्न पकवान
अगर स्वादिस्ट पकवानों और भोजन की बात की जाए तो भारत के स्वादिस्ट भोजन की दीवानी पूरी दुनिया है अधिकतर विदेशी तो केवल भारत के व्यंजनों का आनंद लेने के लिए भारत घुमने आते है।
भारत में कई तरह के स्वादिस्ट पकवान बनाये जाते है जिन्हें देखते ही मुंह में पानी आज जाता है । भारत के प्रत्येक राज्य का अपना प्रसिद्ध भोजन है। जैसे: राजस्थान में दाल बाटी चूरमा, बिहार में लिट्टी चोखाए सत्तू पराठा खाजाए खूबी की लाईए अनारसाए तिलकूट, पंजाब दाल मखनीए मक्के दी रोटीए सरसों दा सागए चने भटूरे आदि।
निष्कर्ष
भारत एक मात्र ऐसा देशा है जहाँ विभिन्नताएं होते हुए भी एकता है। यहाँ की संस्कृति लोगो के जीवन का आधार है। इस देश की संस्कृति की लोगो को शांति और प्रेम के साथ रहना सिखाती है।
आज के आधुनिक युग में जिस तरह से भारतीय संस्कृति को लोग भूलते जा रहे है जो किसी भी मायने में अच्छी नहीं है क्योंकि एक संस्कृति ही मानव को जीना सिखाती है इसलिए हमे अपने देश की संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए। अपनी परम्परा, रीती, भाषा, वेशभूषा और अपने संस्कारो पर गर्व होना चाहिए। देशवासियों को अपनी संस्कृति सहज कर रखनी चाहिए।
अपनी संस्कृति को बनाये रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। तभी हमारा भारत देश एक विकसित राष्ट्र बन सकता है। लोगो को अपनी संस्कृति के महत्व को समझना चाहिए। देश की संस्कृति को संरक्षित रखना ज़रूरी है।
तो ये था भारतीय संस्कृति के बारे में निबंध। उम्मीद करता हूँ भारतीय संस्कृति पर निबंध (India Culture Essay in Hindi ) आपको जरुर पसंद आया होगा । अगर पसंद आये तो इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें।
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